OSOWOG का आइडिया पहली बार 2018 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की पहली विधानसभा बैठक के दौरान पीएम मोदी द्वारा जारी किया गया, जिसका मुख्य मकसद दुनिया भर में सौर ऊर्जा (Solar Power) की आपूर्ति करने वाला एक ट्रांस-नेशनल बिजली ग्रिड तैयार करना है। इस पोस्ट में One Sun One World One Grid के बारे में विस्तार से जानेंगे, OSOWOG in Hindi
OSOWOG Full Form – वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड OR एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड
OSOWOG (OSOWOG in Hindi) क्या है?
भारत में सोलर/ सौर उर्जा का उत्पादन करके पूरी दुनिया में सौर उर्जा (Solar Energy) की सप्लाइ करने का आइडिया या विचार ही ‘One Sun One World One Grid‘ है, MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) द्वारा तैयार प्लान के अनुसार, OSOWOG 140 देशों को एक ग्रिड के माध्यम से जोड़ेगा जिसका उपयोग सौर ऊर्जा को भारत से अन्य देशो तक स्थानांतरित करने के लिए किया जाएगा।
सूर्य कभी नहीं डूबता है, यह हर समय किसी ना किसी भौगोलिक स्थान पर स्थिर होता ही है, इसी बात से प्रेरित होकर OSOWOG की योजना को आयाम देने का काम भारत सरकार कर रही है। इस योजना के तहत सौर स्पेक्ट्रम को दो व्यापक क्षेत्रों में विभाजित किया जाएगा, पहला पूर्व में म्यांमार, वियतनाम, थाईलैंड, लाओ, कंबोडिया जैसे देश और दूसरा पश्चिम में मध्य पूर्व के देश व अफ्रीका क्षेत्र, इन देशो तक भारत में उत्पादित सोलर एनर्जी / उर्जा को एक ग्रिड से जोड़कर वितरित किए जाने का प्लान है।
One Sun One World One Grid योजना को तीन चरण में पूरा किया जाएगा है, जिसमे सबसे पहले सौर उर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों को साझा करने के लिए भारतीय ग्रिड को मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशियाई ग्रिड से जोड़ा जाएगा, फिर अगले चरण में पहले चरण के राष्ट्रों को, अफ्रीकी के मरम्मत के योग्य या बदलने योग्य स्रोतों से जोड़ा जाएगा, और आख़िरी तीसरे चरण में पूरे विश्व को सौर उर्जा वितरित करने के मकसद से एक ग्रिड से जोड़ दिया जाएगा।
Grid (grid system) क्या होता है?
उत्पादकों से किसी उर्जा को उपभोक्ताओं तक पहुचाने के लिये काम में लिए जाने वाले आपस में जुड़े हुए नेटवर्कों को ‘ग्रिड‘ कहा जाता है, यानी बहुत सारे कन्सेशनस का एक जाल, जो एनर्जी या पावर के किसी भी रूप को स्थनांतरित करने के काम आता है, ग्रिड (Grid) कहलाता है।
यह ग्रिड सोलर उर्जा उत्पादन में काम आने वाले फोटोवोल्टेयिक (PV System) एनर्जी तकनीक से बने सौर पैनल में छोटे छोटे तंतुओ को आपस में जोड़ने के लिए बनाया जाता है और ऐसे ही विद्युत शक्ति को वितरित करने के लिए एक विद्युत जाल (electrical grid) बिछाया जाता है, वो भी ग्रिड होता है।
आसान भाषा में समझे तो ग्रिड क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर लाइनों (Horizontal & Vertical Lines) का एक पैटर्न या प्रतिरूप होता है जो एक नियमित अंतराल पर वर्ग या आयात के आकर में बना होता है, जैसी किसी ग्राफ पेपर पर बनी हुई लाइनें ग्रिड का ही एक उदाहरण हैं।
Solar Power (sour urja) क्या है?
सूर्य के प्रकाश (sunlight) से आने वाली उर्जा का बिजली में रूपांतरण सौर उर्जा या सोलर पावर (solar energy/solar power) कहलाती है, सूर्य की रोशनी को बिजली में बदलने के लिए काम में लिए जाने वाले सिस्टम को सौर ऊर्जा संयंत्र कहते है और इसका सबसे मुख्य उपकरण सौर पेनल या सोलर पेनल (solar panel) होता है, जो PV ग्रिड से बना होता है, सूरज की रोशनी सबसे पहले इसी उपकरण पर पड़ती है, फिर वहा से सौर उर्जा उत्पादन की प्रोसेस चालू होती है, सौर उर्जा का इस्तेमाल घरेलू उर्जा खपत में किया जाता है।
OSOWOG (OSOWOG in Hindi) की ख़ास बाते
• यह एक बहुत बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो बिजली के उत्पादन और बिजली की खपत में मौजूदा अंतर को ख़त्म कर देगी।
• इस परियोजना के तहत, भारत स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति के लिए दुनिया के सभी राष्ट्रों में एक परस्पर विद्युत ग्रिड तैयार करेगा।
• ‘द सन नेवर सेट्स’ इस योजना का प्रेरात्मक मूल मंत्र है, OSOWOG की परिकल्पना है कि पूरी दुनिया को भारत सौर उर्जा प्रदान करेगा।
• इससे मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के देश आपस में एक ग्रिड के माध्यम से जुड़ेंगे।
• नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों से समृद्ध क्षेत्रों को सोलर पावर से आपस में जोड़ा जाएगा।
• एक सूर्य एक विश्व एक ग्रिड योजना को पूरा करने के लिए पॉवर ट्रांसमिशन ग्रिड वैश्विक स्तर पर सौर उर्जा सप्लाइ करेगा।
OSOWOG Project के फायदे
कम लागत, कम प्रदूषण – इस योजना से बिजली उत्पादन में लागत कम होगी और प्रदूषण के छुटकारा मिलेगा।
इससे आर्थिक लाभ के परिणामस्वरूप गरीबी उन्मूलन, पानी, स्वच्छता, भोजन और अन्य सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों को कम करने में मदद मिलेगी।
इंटरकनेक्टेड ग्रिड नये ऊर्जा स्रोतों में निवेश को आकर्षित करने के साथ-साथ कौशल, प्रौद्योगिकी और पैसो का इस्तेमाल करने में सभी भागीदार संस्थाओं की मदद करेगा।
प्रस्तावित एकीकरण (दूसरी कंपनियो के निवेश) से परियोजना की लागत में कमी, उच्च क्षमता और सभी भाग लेने वाली संस्थाओं के लिए मुनाफ़ा कमाने के नये अवसर जुड़ेंगे।
दूसरे देशो को बिजली की सप्लाइ से भारत विश्व स्तरीय मार्केट में अपनी पहचान को और बड़ा बना पाएगा, और भारत में रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।
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