New Shiksha Niti 2020 (National Education Policy) in Hindi - नई शिक्षा नीति

न्यू नेशनल एजुकेशन पालिसी (NEP 2020) & नई शिक्षा नीति की पूरी जानकारी

Nayi Shiksha Niti kya hai 2020

भारत के शिक्षा क्षेत्र में उच्च गुणवता लाने के उद्देश्य से सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New Shiksha Niti 2020) लेकर आई है, तकरीबन 34 सालो के बाद शिक्षा पर यह पहली बड़ी राष्ट्रीय नीति है, जिसका मकसद वर्ष 2030 तक भारत में साक्षरता को शत-प्रतिशत करना है।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New National Education Policy) प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा प्रणाली को बदलने के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाया गया सकारात्मक कदम है, जिससे भारत में शिक्षा में कई बड़े सुधार आएँगे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के संविधान द्वारा उल्लिखित विभिन्न प्रावधानों और अधिकारों को भी लागू करती है। केंद्र, राज्य सरकार और सभी केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा लागू की गई सभी शैक्षिक नीतियां (Education Policies) भारत के संविधान में निहित कानूनों पर आधारित होती हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय लोकाचार में निहित शिक्षा प्रणाली को दर्शाती है, और इसमे बदलाव लाने का मकसद सभी को उच्च-गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना, संस्थानों का पाठ्यक्रम बदलना, छात्रों के बीच मौलिक कर्तव्यों के प्रति सम्मान की भावना विकसित करना, संवैधानिक मूल्‍यो के प्रति जागरूक करना और बदलती दुनिया में सभी को ज़िम्मेदार बनाना है।

School Education in New Shiksha Niti 2020

नई शिक्षा नीति (New Shiksha Niti 2020) के तहत स्कूली शिक्षा में मौजूदा 10 + 2 शैक्षणिक संरचना को संशोधित करके नयी शैक्षणिक संरचना 5 + 3 + 3 + 4 को तैयार किया गया है।

New Education or Shiksha Niti 2020

➤ प्रारंभिक 5 साल में से 3 साल आँगनवाड़ी / बाल वाटिका यानी प्री-स्कूल के है और अगले 2 साल कक्षा 1 & 2 यानी Ist & IInd स्टॅंडर्ड के है, इसमें 3-8 साल की उम्र के बच्चे शामिल होंगे और पढ़ाई का मुख्य केंद्र /फोकस एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग होगा।

➤ शैक्षणिक संरचना के अगले 3 प्रारंभिक साल कक्षा 3 से 5 यानी IIIrd, IVth & Vth स्टॅंडर्ड के है, इसमे 8 से 11 वर्ष की आयु के बच्चे शामिल होंगे और इसमे धीरे-धीरे बोलने, पढ़ने, लिखने, शारीरिक शिक्षा, भाषा, कला, विज्ञान और गणित जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा।

➤ शैक्षणिक संरचना में बीच के 3 साल कक्षा 6 से 8 यानी VIth, VIIth & VIIIth स्टॅंडर्ड के है, इस मध्य चरण में 11 से 14 वर्ष के बीच के बच्चे शामिल होंगे और इसमे छात्रों को गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला और मानविकी के विषयों से परिचित कराया जाएगा।

➤ शैक्षणिक संरचना में आगे के 4 साल माध्यमिक/ सेकेंडरी शिक्षा 9 से 12 कक्षा यानी IXth, Xth, XIth & XIIth स्टॅंडर्ड के है। इस द्वितीयक चरण में 14 से 18 वर्ष की आयु के बच्चे शामिल होंगे, इसे दो भागों में विभाजित किया गया है, जिसमे कक्षा 9 & 10 पहले भाग में है जबकि कक्षा 11 & 12 दूसरे भाग में हैं। इन 4 वर्षों के अध्ययन का उद्देश्य एक से ज़्यादा विषय के अध्ययन को शामिल करना है, और विषयों के लिए कई विकल्प भी स्टूडेंट्स को प्रदान किए जाएंगे।

School Education में अन्य बड़े बदलाव

  • हर शैक्षणिक वर्ष में आयोजित होने वाली परीक्षाओं के जगह पर, अब स्कूल के छात्र सिर्फ़ कक्षा 3, 5 और 8 में तीन परीक्षा ही देंगे।
  • बोर्ड परीक्षाएं कक्षा 10 और 12 के लिए आयोजित की होगी, लेकिन फिर से डिजाइन की जाएंगी।
  • बोर्ड परीक्षा एक साल में दो बार आयोजित की जाएगी, जिसमें छात्रों को दो बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा, और परीक्षा में दो भाग होंगे, वस्तुनिष्ठ और वर्णनात्मक।
  • नयी नीति का उद्देश्य छात्रों के पाठ्यक्रम भार कम करके उन्हें ज़्यादा अनुशासनात्मक और बहुभाषी बनाना है।
  • कक्षा 6 से ही बच्चो को कोडिंग की पढ़ाई करवाई जाएगी और ज़्यादा से ज़्यादा एक्सपेरिमेंटल लर्निंग को अपनाया जाएगा।
  • मध्याह्न भोजन योजना (Mid Day Meal Scheme) का विस्तार किया जाएगा।
  • काउंसलर और सामाजिक कार्यकर्ताओं की तैनाती करके सभी छात्रों के स्वास्थ्य, ख़ास तौर से मानसिक स्वास्थ्य / मेंटल हेअल्थ पर ज़्यादा ध्यान दिया जाएगा।

Higher Education in New Shiksha Niti 2020

नयी शिक्षा नीति में पहले से मौजूद विकल्पों के साथ ही स्नातक कार्यक्रम में एक बहु-अनुशासनात्मक स्नातक की डिग्री का प्रस्ताव है, जिसमे प्रोफेशनल और व्यावसायिक क्षेत्र शामिल किए जाएँगे, जैसे –

  • 1 साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा
  • 2 साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक डिप्लोमा दिया जाएगा
  • 3 वर्षीय कार्यक्रम पूरा होने के बाद स्नातक की डिग्री दी जाएगी

डिग्री कोर्स को संरेखित करने के लिए एमफिल (Masters of Philosophy – MPhil) को बंद किया जाएगा और नयी नीति के अनुसार उच्च शिक्षा / एजुकेशन को विनियमित करने के लिए एक उच्च शिक्षा परिषद (Higher Education Council of India – HECI) की स्थापना की जाएगी, और उस परिषद का लक्ष्य सकल नामांकन अनुपात / ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो को बढ़ाना होगा। इसमे मुख्य चार कार्यक्षेत्र शामिल होंगे, जैसे –

  • राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद (National Accreditation Council – NAC)
  • उच्च शिक्षा अनुदान परिषद (Higher Education Grants Council – HEGC)
  • सामान्य शिक्षा परिषद (General Education Council – GEC)
  • राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा नियामक परिषद (National Higher Education Regulatory Council – NHERC)

नयी नीति प्रस्तावित करती है कि उच्च शिक्षा संस्थान जैसे IITs लर्निंग की विविधता के संबंध में बदलाव करेंगे, भारत में शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण किया जाएगा यानी विदेशी विश्वविद्यालय अब भारत में शिक्षा संस्थान स्थापित कर सकेंगे और अब निजी & सार्वजनिक दोनों तरह के विश्वविद्यालयों की फीस पहले से निश्चित की जाएगी।

राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को अब देश भर के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा / एंट्रेन्स एग्ज़ाम आयोजित करने की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी जाएगी, इसके अलावा पशु चिकित्सा परिषद, वास्तुकला परिषद, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और व्यावसायिक शिक्षा & प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय परिषद जैसे कई और पेशेवर परिषदें / प्रोफेशनल काउन्सिल्स भी स्थापित किए जाएँगे।

Teacher Education in New Shiksha Niti 2020

नयी शिक्षा नीति 2020 में शिक्षकों और शिक्षक शिक्षा के लिए कई नीतिगत बदलाव किए गये है, जैसे –

  • शिक्षक बनने के लिए 4 साल की बैचलर ऑफ एजुकेशन डिग्री की न्यूनतम आवश्यकता होगी।
  • शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को भी और ज़्यादा मजबूत और पारदर्शी बनाया जाएगा।
  • राष्ट्रीय परिषद (नॅशनल काउन्सिल फॉर टीचर एजुकेशन) 2021 तक शिक्षक शिक्षा के लिए एक नये राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा को तैयार करेगा।
  • नई नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर सभी छात्रों को प्रेरित, उच्च योग्य, व्यावसायिक रूप से प्रशिक्षित और अच्छी तरह से सुसज्जित शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाए।

New National Education policy 2020 के अंतर्गत, कई और नए शैक्षणिक संस्थानों & निकायों को गठित करने और शिक्षा संबंधित कुछ नये अवधारणाओं / कॉन्सेप्ट्स को लाने के लिए विधायी अनुमति प्रदान की जाएगी।

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