हर किसी को किसी तरह की सर्विस का लाभ लेने और उपयोग करने के लिए, खुद का प्रमाणीकरण और प्राधिकरण के लिए एक विवरण की आवश्यकता होती है, उस विवरण में उस व्यक्ति या उपयोगकर्ता की जानकरी शामिल होती है, यानी एक प्रोफ़ाइल बनाकर उसकी व्यक्तिगत जानकारी के साथ उसके द्वारा लिए गये सर्विस के लाभ का विवरण जमा किया जाता है, जैसे हमारा बैंक अकाउंट, जिसे हिन्दी में ख़ाता कहते है और अधिक विस्तार से जानने के लिए पढ़िए Khata kya hai?
अधिकतर लोगो का बैंक में अपना अकाउंट होता हैं, क्योकि बैंक अकाउंट और बैंक की उपयोगी सर्विस लोगो के लिए पैसो के लेनदेन को सुलभ और आसान बनाने में सहायक होता है, इसके अलावा कई अन्य तरह के अकाउंट या खाते भी होते है, हो सकता है कि कुछ लोग अभी भी ख़ाता क्या है, इससे अवगत नही है, इसलिए यहा ख़ाता का मतलब, खाता की परिभाषा, खाते के प्रकार आदि की जानकारी विस्तार से दी गयी है।
Account/Khata Meaning in Hindi – ख़ाता का मतलब क्या है?
अकाउंट (account) का हिन्दी में मतलब “ख़ाता” (khata) होता है और ख़ाता का मतलब लेखा या वृत्तांत होता है। अकाउंट या ख़ाता किसी बैंक, हिसाब-किताब, विवरण, लेखा, वाणिज्य, किसी अप्लिकेशन पर प्रोफाइल, ख़ाता-बही, प्रॉपर्टी आदि से संबंधित हो सकता है, जैसे बैंक में बैंक ख़ाता, ऑनलाइन अप्लिकेशन पर प्रोफाइल अकाउंट।
What is Khata in Hindi (Khata kya hai) – खाता क्या हैं?
वित्तीय संस्था जैसे एक बैंक लोगो के पैसो को जमा करने और उन्हे लोन की सुविधा प्रदान करने जैसे कई अन्य वित्तीय काम करती है, इन सुविधाओ का लाभ लोग उठा सके, इसके लिए बैंक या अन्य प्राइवेट संस्था लोगो के बैंक में अकाउंट खोलती करती है, जिसे बैंक ख़ाता कहा जाता है, और इस खाते का एक ख़ाता नंबर भी होता है जो उस बैंक द्वारा हर व्यक्ति को अलग-अलग दिया जाता है।
इस खाते में ग्राहक के वितीय लेन-देन का विस्तार से विवरण होता है, इस विवरण के लिए एक पासबुक होती है जिसमे ग्राहक का बैंक अकाउंट नंबर, नाम, फोटो, और अन्य जानकारी होती है, इसे बैंक ख़ाता पासबुक कहते है।
बैंक खातों में विस्तार से यह विवरण होता है कि ग्राहक ने पैसो का लेन-देन कितना किया है, कब किया है, कितना बैंक से ब्याज मिला है, और साथ ही हर दिन खाते की स्थिति का विवरण जैसे खाते में कितना पैसा है, यह भी शामिल होता है। ग्राहको के बैंक खाते खोलने, उन्हे सुचारू रूप से चलाने या फिर खाते के बन्द होने तक के सारे कायदे, नियम और पूरा विवरण लिखित में होता है।
बैंक खाता खोलने के नियमों में यह शामिल होता है कि खाता कौन-कौन खोल सकता है, ग्राहक को क्या-क्या प्रमाण देने है, ग्राहक एक दिन में कितने पैसे का लेनदेन कर सकता है, और अन्य कई बातें।
प्रॉपर्टी के स्नदर्भ में खाता मात्र एक दस्तावेज होता है जो एक बैंक खाते की तरह होता है जिसमें किसी प्रॉपर्टी के ओनर का नाम, पता, प्रॉपर्टी का साइज़, पता और अन्य विवरण होते हैं जो हर प्रॉपर्टी के लिए आवश्यक होता हैं। यह प्रॉपर्टी पर टेक्स का भुगतान करने के लिए नगर पालिका में एक अकाउंट होता है। एक ऐसा कानूनी दस्तावेज है जो संपत्ति कर भरने के लिए आवश्यक होता है और जिसमे उस संपत्ति के सभी महत्वपूर्ण विवरण शामिल होते हैं, संपत्ति ख़ाता (Khata in property) कहलाता है।
What is Account in Hindi (account kya hai) – अकाउंट क्या है?
किसी विशेष समय सीमा और ख़ास उद्देश्य के लिए वित्तीय व्यय या लेनेदेन के खर्चो का हिसाब और उनसे संबंधित सभी प्राप्तियों का विवरण या रेकॉर्ड अकाउंट के अंतर्गत आता है, अकाउंट इंग्लीश शब्द है जिसे हिन्दी मे ख़ाता कहते है। किसी को दिए गए और किसी से प्राप्त किए गए पैसे का हिसाब-किताब और लेखा-जोखा रखना, अकाउंट्स का हिस्सा होता है, यहा अकाउंट्स का मतलब वाणिज्य से है, जो एक तरह से अकाउंट से ही संबंधित है।
इसके अलावा, अकाउंट बनाने से मतलब, किसी बैंक में अकाउंट होने से हो सकता है, या किसी वेब पोर्टल या वेबसाइट या सोशियल मीडीया प्लॅटफॉर्म पर अकाउंट होने से हो सकता है ताकि उससे संबंधित सर्विस का लाभ लिया जा सके।
Types of Account in Hindi (Khata ke prakar) – खाता कितने प्रकार के होते हैं?
यदि बैंक के सन्दर्भ में बात की जाए तो खाते कई विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे – बचत खाता, चालू खाता, क्रेडिट कार्ड खाता आदि, इन सभी खातो के लिए नियम और शर्ते अलग-अलग होती है, भारत के बैंको में खोले जाने वाले खातो के प्रकार इस तरह है, जैसे –
- बचत खाता (saving account)
- चालू खाता (current account)
- आवर्ती जमा खाता (recurring deposit account)
- सावधि जमा खाता (fixed deposit account)
- बुनियादी बचत खाता (basic savings account)
इन खातो के लिए कुछ अन्य खाते भी होते है, जैसे –
- वसूली ख़ाता (recovery account)
- बही खाता (Ledger account)
- जनधन ख़ाता (Jan Dhan account)
- पुनर्मूल्यांकन खाता (revaluation account)
जानिए, निलंब खाता क्या होता है?
(Vasuli khata kya hai) वसूली ख़ाता क्या है?
वसूली एक सामान्य लेखांकन या अकाउंटिंग शब्द है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के अकाउंट रिकॉर्ड का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जब एक एकाउंटेंट किसी खाते को समायोजित करता है।
एक ऐसा ख़ाता जिसको किसी साझेदारी वाली कंपनी के विघटन के समय खोला जाता है, जैसे जब किसी साझेदारी कंपनी का विघटन होता है तब रोकड़ अकाउंट और बैंक अकाउंट बन्द किए जाते हैं, इसके लिए एक अकाउंट खोला जाता है, उसे वसूली खाता कहा जाता हैं।
किसी वेब पोर्टल के सन्दर्भ में वसूली खाते को रिकवरी अकाउंट कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल तब होता है जब कोई यूज़र अपने मुख्य अकाउंट से संबंधित लॉग-इन जानकारी भूल जाता है या अन्य किसी कारणवस वो उस वेबसाइट या वेब पोर्टल में प्रवेश नही कर पाता है, उस समय रिकवरी अकाउंट मदद करता है।
(Bachat khata kya hai) बचत ख़ाता क्या है?
बचत ख़ाता या सेविंग अकाउंट अपने नाम से ही स्पष्ट है कि पैसो की बचत करने वाला ख़ाता या फिर बचत के पैसे जमा करने वाला ख़ाता, अपनी जमा पूंजी को बैंक अकाउंट में जमा करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खाते को बचत खाता कहा जाता है।
इस बैंक खाते को कोई भी आम आदमी किसी भी बैंक में खुलवाकर इस्तेमाल कर सकता है, जिसमे वह अपने खर्चो के बाद बचे हुए पैसो को जमा करवा सकता है, और कभी ज़रूरत पड़ने पर इस पैसे का उपयोग कर सकता है।
(Chalu khata kya hai) चालू ख़ाता क्या है?
चालू खाता यानी करंट अकाउंट व्यवसाय के लिए खोला जाता हैं, और कोई भी व्यापारी बैंक में यह इस ख़ाता खुलवाकर पैसो का लेनदेन अपने व्यवसाय के लिए कर सकता हैं। बचत खाते के विपरीत इसमे ख़ाता धारको को उनकी जमा राशि पर किसी भी तरह का कोई भी ब्याज नही मिलता है, और यह ख़ाता किसी बिज़नेस या फिर किसी व्यक्ति के नाम पर खोला जा सकता है जिसमे बैंक पासबुक के साथ-साथ, एटीएम कार्ड, चेकबुक और नेटबैंकिंग जैसी ज़रूरी सुविधाएँ भी बैंक द्वारा प्रदान की जाती हैं।
चालू खाता मुख्य रूप से बिज़नेस उददेश्यों, संयुक्त परिवारो, एकल स्वामित्व कंपनी, पार्ट्नरशिप फर्म, प्राइवेट व सार्वजनिक संस्था, लिमिटेड कंपनी, ट्रस्ट या एनजीओ, सोसायटी & एसोसिएशन आदि सभी के लिए खोला जाता है।
(Bachat khata aur chalu khata mein/me kya antar hai) बचत खाता और चालू खाता में अंतर?
बचत खाता | चालू खाता |
यह किसी के व्यक्तिगत उपयोग के लिए खोला जाता है | यह किसी बिज़नेस या व्यवसाय के लिए खोला जाता है |
स्टूडेंट्स भी यह ख़ाता खुलवा सकते है | यह सिर्फ़ बिज़नेसमैन ही खुलवा सकता है |
इसमे हर तीन महीने से जमा राशि पर ब्याज मिलता है जिसकी दर हर साल 3% – 5% होती है | इसमे जमा राशि पर कोई भी ब्याज नही मिलता है |
इसमे लेनदेन की कुछ सीमाए होती है | इसमे लेनदेन बिना किसी सीमा के बड़े पैमाने पर किया जा सकता है |
इसमे कम से कम जमा राशि की सीमा 1000 या इससे कम होती है | इसमे जमा राशि की सीमा कम से कम 10000 होना ज़रूरी होता है |
(Bahi khata kya hai) बही खाता क्या है?
बही ख़ाता में बही का मतलब किसी पुस्तक या नोटबुक से होता है, जो किसी व्यापारी के द्वारा लेनदेन का हिसाब रखने के लिए उपयोग की जाती है, और बही पीले, सफेद या हरे पन्नो वाली और मोटे पन्नो वाली मोटी सी नोटबुक होती है।
बही का उपर का कवर लाल रंग का होता है और इसमे एक डोरी होती है जिससे पूरी नोटबुक को बाँधा जाता है, यह चौड़ाई में कम और लंबाई में ज़्यादा होती है, इसमे व्यापारी व्यापार से संबंधित विवरण लिखता है, इसलिए इसे बही ख़ाता कहा जाता है।
बही में हिसाब लिखना और ख़ाता बनाना एक आसान काम होता है, जिसे कोई भी छोटा व्यापारी आसानी से कर सकता है, भारत में ज़्यादातर बनिये इसका इस्तेमाल करते है और यह पुराने जमाने से चली आ रही प्रोसेस है जिसका उपयोग आज भी होता है।
(Jandhan/jan dhan khata) जनधन ख़ाता क्या है?
भारत में वित्तीय समावेशन हेतु एक राष्ट्रीय मिशन है जन-धन योजना, जिसके अंतर्गत एकदम किफायती तरीके से किसी बैंक द्वारा वित्तीय सेवाओं को आम आदमी तक पहुँचने के लिए, प्रत्येक भारतीय का एक बैंक खाता खोला जाता है, यानी जनधन योजना के तहत खोले जाने वाला बैंक अकाउंट जन-धन ख़ाता कहलाता है, इसमे शून्य बॅलेन्स यानी बिना कोई राशि जमा किए एक बैंक ख़ाता खोला जाता है, जिसे कोई भी व्यक्ति किसी बैंक या फिर बैंक के किसी सहायक केंद्र से खुलवा सकता है।
(Punarmulyankan khata) पुनर्मूल्यांकन खाता क्या है?
यह ख़ाता संपतियो के दायित्वो के दोबारा निर्धारण पर होने वाले फायदे और नुकसान को जानने के मकसद से खोला जाता है, जिसके तहत पुराने साझेदारो में लाभ और हानि को विभाजन अनुपात के हिसाब से बाँट दिया जाता है, इसके अलावा व्यवसाय में किसी नये साझेदार के जुड़ने और पुराने साझेदार के अलग होने या उसके अवकाश लेने पर संपति का पुनर्मूल्यांकन करना ज़रूरी होता है, इसलिए कंपनी में एक ख़ाता खोला जाता है जिसे पुनर्मूल्यांकन खाते के नाम से जाना जाता है।