Surya Namaskar Poses Name in Hindi - सूर्य नमस्कार कैसे करते है?

Surya Namaskar कैसे करते है और सूर्य नमस्कार के फायदे क्या है?

Surya Namaskar Poses Name in Hindi

दुनिया में काफी लोग रोजाना योगा अभ्यास करते है, कई प्रकार के योगा आसन होते हैं जिसमे ‘सूर्य नमस्कार‘ भी शामिल होता है इसे करने से शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है, जो शारीरिक और मानसिक रूप से लाभप्रद होती है। यहा जानिए, Surya Namaskar Kaise karte hain और Surya Namaskar Poses Name in Hindi

Surya Namaskar Meaning in Hindi – सूर्य नमस्कार क्या होता है?

एक ऐसी शारीरिक क्रिया जिसका अभ्यास सूर्योदय के समय किया जाता है, सूर्य नमस्कार कहलाती है, यह एक योगा या व्यायाम होता है जिसके दौरान भगवान सूर्य को नमन किया जाता है।

सूर्य नमस्कार का अभ्यास कोई भी कर सकता है जैसे एक महिला, एक पुरुष, एक बच्चा, और जो लोग इस अभ्यास को रोजाना नियमित रूप से करते हैं उन लोगो का स्वास्थ्य हमेशा तंदरुस्त और स्वस्थ रहता है, इसके अलावा इसके कई सारे अन्य स्वास्थ्य लाभ भी है।

सूर्य नमस्कार को कई आसन अनुक्रमो में किया जाता है, इनको पहली बार 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में योग के रूप में अपनाया गया था, हालांकि इससे भी पहले भारत में इसी तरह के योगा अभ्यास का उपयोग किया जाता था।

Surya Namaskar Poses Name in Hindi – सूर्य नमस्कार में कितने आसान है?

सूर्य नमस्कार एक कई चरणों वाली क्रिया होती है, इन सभी चरणों के नाम अलग-अलग होते हैं और सभी विभिन्न तरीके से की जाती है, जिन्हे ‘आसान’ कहा जाता है। सूर्य नमस्कार में कुल 12 आसन या चरण होते है, सूर्य नमस्कार में तीन आसन ऐसे होते है जिनको दो बार किया जाता है यानी दो बार दोहराया जाता है।

सूर्य नमस्कार के इन आसन के नाम (Surya Namaskar Poses Name) इस प्रकार है, जैस – प्रणाम आसन, हस्तउत्तानासन, हस्तपाद आसन, अश्वसंचालन आसन, दंडासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, पर्वत आसन, अश्वसंचालन आसन, हस्तपाद आसन, हस्तउत्तानासन, और ताड़ासन।

इन सभी 12 आसनो को कैसे करते है, इसकी जानकारी नीचे विस्तार से दी गयी है… 

Surya Namaskar Poses Name in Hindi

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Surya Namaskar Kaise karte hain – सूर्य नमस्कार कैसे करे?

सूर्य नमस्कार करने के लिए नीचे बताए गये स्टेप्स को फॉलो करे…

  1. प्रणाम आसन

सबसे पहले सीधे खड़े होकर अपने हाथ जोड़ने होते है, फिर गहरी सांस लेते हुए अपने कांधों को एकदम ढीला रखना होता है, फिर धीरे धीरे सांस अंदर लेते हुए हाथो को ऊपर की ओर करना होता है, फिर सांस निकालते हुए प्रणाम की मुद्रा में आना होता है। ऐसा करने से शरीर को आराम मिलता है और सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने के लिए एकाग्रता उत्पन्न होती है।

2. हस्तउत्तानासन

इसमें सांस को अंदर लेते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर किया जाता है, फिर हाथों को अपने कानों के पास रखना होता है, इसके दौरान शरीर को ऊपर की तरफ खींचना होता है। यह आसान आपके कंधे, शरीर के निचले व ऊपरी हिस्से, छाती या सीने, ओर आपकी गर्दन के लिए लाभदायक होता है।

3. हस्तपाद आसन

इसमें सांस छोड़ते हुए अपने हाथों को पेरो के पंजो के पास जमीन पर रखना होता है यानि पुरे शरीर को आगे की ओर झुकाते हैं। 

4. अश्वसंचालन आसन

इसके दौरान अपने दाहिना पैर को पीछे करते हुए इसी पैर के घुटने को ज़मीन पर छुआया जाता हैं, और अपने चेहरे को ऊपर की तरफ ले जाना होता है, फिर ऊपर की तरफ देखना होता है।

5. दंडासन

इसके दौरान अपने बाएँ पैर को पीछे करते हुए शरीर को सीधी रेखा का आकार देना होता है।

6. अष्टांग नमस्कार

इसमें जमीन की तरफ अपना मुंह रखते हुए लेटना होता है और फिर धीरे-धीरे अपने कूल्हों को ऊपर उठाना होता है। इस दौरान आपकी छाती और ठुड्डी जमीन से छुई रहती है।

7. भुजंगासन

इसके दौरान आपके शरीर का ऊपरी हिस्सा उठा रहता है, बाकी हिस्सा जमीन से सटा रहता हैं, और साथ में ऊपर की ओर देखना होता है, शरीर को हाथों की मदद से ऊपर उठाया जाता है।

8. पर्वत आसन

इसके दौरान आपके हाथ और पैर जमीन पर लगे होते हैं, और बाकी शरीर का हिस्सा ऊपर उठा होता है, इस आसन के दौरान आपके शरीर का पूरा वजन आपके हाथों और पैरों पर होता है। 

9. अश्वसंचालन आसन

पहले के जैसे दोहराते हुए अपने दाहिना पैर को पीछे करते हुए इसी पैर के घुटने को ज़मीन पर छुआया जाता हैं, और अपने चेहरे को ऊपर की तरफ ले जाना होता है, फिर ऊपर की तरफ देखना होता है।

10. हस्तपाद आसन

पहले के जैसे दोहराते हुए सांस छोड़ते हुए अपने हाथों को पेरो के पंजो के पास जमीन पर रखना होता है यानि पुरे शरीर को आगे की ओर झुकाते हैं। 

11. हस्तउत्तानासन

पहले के जैसे दोहराते हुए सांस को अंदर लेते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर किया जाता है, फिर हाथों को अपने कानों के पास रखना होता है, इसके दौरान शरीर को ऊपर की तरफ खींचना होता है। यह आसान आपके कंधे, शरीर के निचले व ऊपरी हिस्से, छाती या सीने, ओर आपकी गर्दन के लिए लाभदायक होता है।

12. ताड़ासन

यह सूर्य नमस्कार का आखिरी चरण होता है जिसमें आपको एकदम सीधे खड़े होना होता है, और शरीर को आराम देना होता हैं। 

सूर्य नमस्कार के फायदे (labh/fayde/health henefits) क्या है?

सूर्या नमस्कार का अभ्यास करने से होने वाले स्वास्थ्य लाभ इस प्रकार है, जैसे –

  • सूर्य नमस्कार करने से उच्च रक्तचाप की समस्या को ढीक किया जा सकता है, सूर्य नमस्कार करने के दौरान शरीर में अच्छे से रक्त प्रवाह होता है जिससे रक्तचाप नियंत्रित होता है।
  • मोटापे काम करने के लिए रोजाना नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करना चाहिए, सूर्य नमस्कार से शरीर को फिट बनाया जा सकता है।
  • सूर्य नमस्कार करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, साथ ही एसिडिटी की समस्या भी दूर होती है।
  • सूर्य नमस्कार के दौरान किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के आसन से मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूती मिलती है, साथ ही गर्दन, हाथ, पैर आदि को भी मजबूती मिलती हैं।
  • त्वचा को सुन्दर बनाने ओर इसमें निखार लाने के लिए भी सूर्य नमस्कार लाभदायक होता है, इससे शरीर में रक्त प्रवाह अच्छे से होता है और यह त्वचा की रौनक बढाता है।
  • इसके अलावा सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से ब्लड शुगर, गुर्दे की बीमारी जैसी समस्याओ से निजात पाया जा सकता है।

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