FDI kya hota hai (Hindi) - एफडीआई क्या है? | FDI Full Form in Hindi

FDI क्या होता है? FDI Full Form in Hindi

FDI kya hota hai

दुनिया के सभी देशो का विकास अर्थव्यवस्था पर ही निर्भर होता है , इसके लिए ज़रूरी है कि विदेशी निवेशक किसी भी देश अपना निवेश करे, इसलिए उन विदेशी निवेशको को आकर्षित करने के लिए नियम और क़ानून को उनके के लिए फ्लेक्सिबल बनाया जाता है, और यह काम भारत में एक संस्था के द्वारा किया जाता है जिसे एफडीआई के नाम से जाना जाता है, यहा विस्तार से जानिए FDI kya hota hai और FDI Full Form in Hindi

भारत में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एफडीआई की शुरुआत की गयी, ताकि भारत की आर्थिक स्थिति को और ज़्यादा मजबूत किया जा सके!

एफडीआई का फुल फॉर्म क्या है (FDI ka Full Form in Hindi)

एफडीआई (FDI) का full form “Foreign Direct Investment” होता है, और जिसका उच्चारण फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट होता है।

एफडीआई क्या है (FDI kya hota hai/matlab/meaning in Hindi)

एफडीआई (FDI) का हिन्दी मतलब “प्रत्यक्ष विदेशी निवेश” होता है, जो कि भारत में स्थित एक संस्था है और जो विदेशी निवेश को भारत में सहमति प्रदान करने का काम करती है। यह संस्था विदेशी निवेशको के लिए कुछ नियम बनाती है और उन नियमों का विदेशी निवेशको के द्वारा पालन करने पर ही एफडीआई उन्हे भारत में बिज़नेस करने और कोई संस्था चालू करने की अनुमति प्रदान करती है।

एफडीआई के प्रकार (FDI ke prakar/type/types in Hindi)

एफडीआई मुख्यत 2 प्रकार के हैं, जैसे –

(1) ग्रीन फील्ड निवेश (Greenfield Investment)

इसके अंतर्गत किसी अन्य देश में किसी कम्पनी की स्थापना की जाती है।

(2) पोर्टफोलियो निवेश (Portfolio Investment)

इसके तहत विदेशी कंपनियो के शेयर खरीदे जा सकते हैं और विदेशी कंपनी का अधिग्रहण किया जाता है।

जानिए, सक्सेस स्टोरी ऑफ इंडियन इंटरप्रेन्योर

एफडीआई के नियम (FDI policy in India 2021 in Hindi)

  • एफडीआई नीति का उद्देश्य त्वरित आर्थिक विकास के लिए घरेलू पूंजी, प्रौद्योगिकी और कौशल के पूरक के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करना और बढ़ावा देना है।
  • एफडीआई सभी प्रासंगिक क्षेत्रीय कानूनों, विनियमों, नियमों, सुरक्षा शर्तों और राज्य/स्थानीय कानूनों/विनियमों के अनुपालन के अधीन है।
  • एफडीआई के लिए क्षेत्रीय सीमाएं समेकित एफडीआई नीति परिपत्र के अध्याय 5 में विस्तृत हैं। अध्याय 5 में सूचीबद्ध नहीं किए गए क्षेत्रों/गतिविधियों में, एफडीआई की 100% तक अनुमति है।
  • एफडीआई की अनुमति या तो स्वचालित मार्ग या फिर सरकारी मार्ग के माध्यम से दी जाती है।
  • स्वत: मार्ग के तहत एफडीआई के लिए किसी पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है, केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को आवक प्रेषण या अनिवासियों को शेयर जारी करने के 30 दिनों के भीतर सूचना की आवश्यकता है।
  • स्वचालित मार्ग के अंतर्गत क्षेत्रों/गतिविधियों की सूची के लिए, समेकित एफडीआई नीति परिपत्र का अध्याय 5 देखें।
  • ‘स्वचालित मार्ग’ के अंतर्गत नहीं आने वाले विदेशी निवेश प्रस्तावों पर संबंधित सक्षम प्राधिकारी/प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग द्वारा सरकारी अनुमोदन के लिए विचार किया जाता है।
  • एफडीआई के लिए निषिद्ध क्षेत्रों को समय-समय पर संशोधित समेकित एफडीआई नीति परिपत्र की धारा 5.1 में सूचीबद्ध किया गया है।

एफडीआई के फायदे (fayde/labh/Benefits of FDI in India in Hindi)

  • प्रमुख क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलता है
  • नई तकनीकें भारत में आती है
  • देश की पूंजी प्रवाह में वृद्धि होती है
  • निर्यात में वृद्धि होती है
  • रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलता है
  • वित्तीय सेवाओं को बढ़ावा मिलता है
  • विनिमय दर स्थिरता बनी रहती है
  • पिछड़े क्षेत्रों का विकास होता है
  • प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग सही से होता है
  • लोगों की जीवन शैली में बदलाव संभव है

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