हिन्दी व्याकरण में कई तरह की बातो के बारे में सीखना होता है क्योकि यह स्कूल की पढ़ाई का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और परीक्षा में हिन्दी व्यकारण के कई सवाल पूछे जाते है, ऐसे में वाक्य जिसे इंग्लीश में सेंटेन्स कहा जाता है, भी हिन्दी विषय का एक भाग है, जिससे संबंधित विस्तारपूर्वक जानकारी यहा दी गयी है, जैसे – वाक्य किसे कहते है, वाक्य क्या है, वाक्य की परिभाषा, वाक्य के प्रकार और वाक्य के कितने भेद होते है? जानिए vakya ke bhed के बारे में…
किसी वक्ता के वक्तव्य को दर्शाना वाक्य का मुख्य उद्देश्य होता है, जिनको कई भेदो में परिभाषित किया जाता है क्योकि हर एक वाक्य का भाव अलग-अलग होता है, वाक्य के भाव के अनुसार ही वाक़्यो को कई भेद में बाँटा जाता है, जिसकी पूरी जानकारी नीचे दी गयी है।
दर्शनशास्त्रीय वाक़्यो में मुख्यत विधिवाक्य, अनुवाद और अर्थवाद वाक्य शामिल हैं। कई भाषाबैज्ञानिकों की द्दष्टि के आधार पर वाक्य संश्लेषणात्मक या विश्लेषणात्मक होते हैं।
वाक्य किसे कहते हैं और वाक्य की परिभाषा (Vakya kise kahate hain/kaha jata hai/kya hota hai/paribhasha/definition)
बहुत सारे शब्दों के एक सार्थक मेल या शब्दो का एक व्यवस्थित समूह, जिससे किसी बात का मतलब पूरे तरीके से सपष्ट होता है, वाक्य कहलाता है। किसी कथन और प्रश्न का शब्दविन्यास जिसमें कर्ता और क्रिया शामिल होते है, और उस शब्दविन्यास के अंत में पूर्ण विराम और प्रश्नसूचक लगा होता है, उसे वाक्य कहते है, वाक्य के भाव अलग-अलग हो सकते है जैसे – कोई साधारण वाक्य, कोई नाकारत्म और प्रश्नवाचक वाक्य।
एक वाक्य में शब्दों के समूह का कोई पूरा अर्थ निकलता है लेकिन यदि वाक्य का पूरा-पूरा अर्थ नहीं निकलता हो तो वह वाक्यांश कहलाता हैं। जैसे – पेड़ के नीचे कोई खड़ा है, वह छत पर है, कुर्सी को उस कोने में रख दो आदि वाक्य है, और छत पर, कोने में, पेड़ के नीचे आदि वाक्यांश हैं।
एक वाक्य से श्रोता और पढ़ने वाले को वक्ता या लिखने वाले के अभिप्राय का बोध आसानी से होता है, लेकिन एक वाक्यांश से अभिप्राय का सही से बोध नही होता है। एक वाक्य में क्रिया का होना आवश्यक होता है और कम से कम कारक जैसे – संज्ञा और सर्वनाम होते है।
किसी भी वाक्य में कुछ तत्वो जैसे – आकांक्षा, योग्यता और आसक्ति या सन्निधि का होना आवश्यक होता है, तभी शब्दो का समूह पूर्ण तौर पर एक वाक्य का रूप ले पाता है।
- यहा आकांक्षा का मतलब यह है कि सभी शब्द ऐसे ही ना रखे हुए हों, बल्कि वे सभी एकसाथ मिलकर किसी तात्पर्य का बोध ज़रूर कराते हों।
- यहा योग्यता का मतलब है कि शब्दो के समूह से बने वाक्य का अर्थ असंगत ना हो।
- यहा आसक्ति या सन्निधि का मतलब यह है कि वाक्य में तात्पर्यबोध कराने वाले शब्दो के बीच काल का कोई व्यवधान ना हो।
वाक्य के भेद और प्रकार (Vakya ke bhed/prakar/type in hindi with examples)
जैसा कि एक वाक्य कर्ता और क्रिया से मिलकर बना होता है तो इनके आधार पर वाक्य के 2 भेद होते है, जैसे –
- उद्देश्य – वाक्य में जिस बारे में बात की जाती है
- विधेय – वाक्य में जो बात की जाती है
उदाहरण के लिए “राम राजकोट में रहता है।” इस वाक्य में “राम” उद्देश्य है और “राजकोट में रहता है” विधेय है।
आधुनिक हिन्दी व्याकरण के अनुसार से वाक्य के 3 प्रकार होते है, जैसे – सरल वाक्य, संयुक्त वाक्य और मिश्रित/मिश्र वाक्य
किसी वाक्य का भेद 2 प्रकार से किया जा सकता हैं, जैसे –
- अर्थ के आधार पर (Vakya bhed)
- रचना के आधार पर (Vakya bhed)
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद (arth ke aadhar par vakya bhed)
अर्थ के आधार पर 8 वाक्य भेद निम्नलिखित है, जैसे –
- विधानवाचक वाक्य
- निषेधवाचक वाक्य
- प्रश्नवाचक वाक्य
- आज्ञावाचक वाक्य
- विस्मयादिबोधक वाक्य
- इच्छावाचक वाक्य
- संकेतवाचक वाक्य
- संदेहवाचक वाक्य
(1) विधिवाचक/सकारात्मक वाक्य (Affirmative Sentence)
ऐसा वाक्य जिसमे किसी प्रकार की सूचना या जानकारी का बोध होता है, विधानवाचक वाक्य कहलाता है, जैसे – बांग्लादेश एक देश है। भगवान राम के पिताजी का नाम राजा दशरथ था। रावण श्रीलंका का राजा था।
(2) निषेधवाचक/नकारात्मक वाक्य (Negative Sentence)
ऐसा वाक्य जिसमे किसी काम के ना होने का भाव शामिल होता है, निषेधवाचक वाक्य कहलाता है, जैसे – बबलू ने दूध नहीं पिया। राहुल ने खाना नहीं खाया। वह कुछ नही कर सकी।
ऐसा वाक्य जिसमे किसी प्रश्न या सवाल पूछने का भाव प्रकट होता है, प्रश्नवाचक वाक्य कहलाता है, जैसे – वाक्य क्या है? भगवान राम के पिता कौन थे? रावण कहाँ का राजा था?
ऐसा वाक्य जिसमे किसी तरह की आज्ञा देने का भाव प्रकट होता है या फिर किसी से प्रार्थना करने का भाव नज़र आता है, आज्ञावाचक वाक्य कहलाता है, जैसे – बैठ जाओ, शोर मत करो, कृपया अंदर आइए, कृपया शांति रखें।
(5) विस्मयवाचक/विस्मयादिबोधक वाक्य (Exclamatory Sentence)
ऐसा वाक्य जिसमे किसी तरह की गहरी अनुभूति का भाव प्रकट होता है, विस्मयवाचक या विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाता है, जैसे – अहा! कितना सुन्दर उधान ओह! कितनी ठंड है। बल्ले! मेरे दोस्त जीत गये।
(6) सन्देहवाचक वाक्य (Interrogative Sentence)
ऐसे वाक्य जिनमें किसी संदेह का बोध होता है, संदेहवाचक वाक्य कहलाते हैं, जैसे – क्या राजू यहाँ आ गया ? क्या राधा ने अपना काम कर लिया ?
(7) इच्छावाचक वाक्य (Illustrative Sentences)
ऐसे वाक्य जिनमें किसी प्रकार की आकांक्षा, इच्छा, आशीर्वाद आदि का बोध होता है, इच्छावाचक वाक्य कहलाते हैं, जैसे – भगवान आपको दीर्घायु करे। आपकी दीवाली मंगलमय हो। आपका जीवन सुखद हो।
(8) संकेतवाचक वाक्य (Indicative Sentences)
ऐसे वाक्य जिनमें किसी प्रकार के संकेत का बोध होता है, संकेतवाचक वाक्य कहलाते हैं, जैसे – राधेश्याम का घर उधर है। छगन उधर रहता है।
रचना के आधार पर वाक्य के भेद (rachna ke aadhar par vakya bhed)
रचना के आधार पर 3 वाक्य भेद निम्नलिखित है, जैसे –
- सरल वाक्य
- संयुक्त वाक्य
- मिश्रित/मिश्र वाक्य
(1) सरल वाक्य (Simple sentence)
ऐसा वाक्य जिसमें मात्र एक ही क्रिया मौजूद होती है, एक ही उद्देश्य होता है और एक ही विधेय होता है, सरल वाक्य कहलाते है, जैसे – रानी नाचती है। राजा गाता है।
इन उदाहरण में एक-एक कर्ता और एक-एक क्रिया है, यानी वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय है।
(2) संयुक्त वाक्य (Compound sentence)
ऐसे वाक्य जिनमे एक से अधिक सरल वाक्य किन्ही संयोजक अव्ययों द्वारा जुड़े होते है, यानी कई सरल वाक़्यो से बने वाक्य संयुक्त वाक्य कहलाते हैं। जैसे- राजू स्कूल जाने वाला था कि बारिश होने लगी, बारिश इतनी तेज़ हुई कि राजू को एक पेड़ के नीचे रुकना पड़ा, राजू आया और रामू चला गया।
इनमें संयोजक अयव्य दो सरल वाक़्यो को आपस में जोड़कर संयुक्त वाक्य बना रहा है। संयुक्त वाक्य में हर सरल वाक्य स्वतन्त्र है।
(3) मिश्रित/मिश्र वाक्य (Complex sentence)
ऐसे वाक्य जो एक सरल वाक्य के अलावा उसके अधीन या उससे संबंधित अन्य वाक्य किसी एक संयोजक आयव से जुड़कर बने होते है, मिश्र या मिश्रित वाक्य कहलाते है, जैसे – ऐसा कौनसा व्यक्ति है जिसने मोदी का नाम ना सुना हो।
इस मिश्र वाक्य में ‘ऐसा कौनसा व्यक्ति है’ प्रधान वाक्य है और अन्य दूसरा वाक्य प्रधान वाक्य पर आश्रित है।
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