Sukanya Samriddhi Yojana Nuksan: सुकन्या समृद्धि योजना के नुकसान

सुकन्या समृद्धि योजना के नुकसान: Disadvantages of Sukanya Samriddhi Yojana

sukanya samriddhi yojana ke nuksan

सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) एक सरकारी निधि योजना है जिसे भारतीय सुविधा बैंक द्वारा 2015 में शुरू किया गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेटी की शिक्षा और विवाह के लिए बचत को प्रोत्साहित करना है। यहा जानिए, Sukanya Samriddhi Yojana ke Nuksan

सुकन्या समृद्धि योजना के नुकसान (Sukanya Samriddhi Yojana ke Nuksan)

सुकन्या समृद्धि योजना के शुरू होने पर इसकी ब्याज दर 9% से ज़्यादा थी, लेकिन अभी 8% है, यानी इस योजना में ब्याज दर घट सकती हैं, ज़्यादातर माता-पिता का यह मानना हैं कि सुकन्या योजना के पैसे का इस्तेमाल बेटी की पढ़ाई-लिखाई के लिए हो नहीं पाता है, क्योंकि इस योजना में 21 साल बाद पैसा प्राप्त होता है, जब तक बेटी की उम्र शादी लायक हो जाती है, इसके अलावा Sukanya Samriddhi Yojana के कुछ नुकसान और भी हैं, जिन्हें निम्नलिखित रूप में समझा जा सकता है, जैसे –

1. पैसे का लंबे समय तक ब्लॉक होना

इस योजना का बड़ा नुकसान यह है कि इसमें पैसा 21 वर्ष तक ब्लॉक रहता है, हालांकि इसमे पैसा 15 साल तक ही डीपॉज़िट करना होता है, इसकी मेच्योरिटी बेटी की उम्र 21 साल होने के बाद ही होती है, कुछ परिस्थितियों जैसे, बेटी की बीमारी या असमय मृत्यु वाले मामले में ही इस योजना का अकाउंट समय से पहले बंद हो जाता है, ऐसे में यदि एक स्थायी कमाई का सोर्स आपके पास है और आप 21 साल तक इसकी मेच्योरिटी का इंतजार कर सकते हो तो ही आपको योजना के लिए आवेदन करना चाहिए।

2. ब्याज दरों के परिवर्तन

सुकन्या समृद्धि योजना के तहत ब्याज दरों को वार्षिक रूप से सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। ब्याज दरों में परिवर्तन की स्थिति सरकार के निर्णय पर निर्भर करेगी, जो बाजार के परिस्थितियों पर आधारित होता है। इसलिए, योजना के दौरान ब्याज दर में परिवर्तन हो सकता है, जिससे निवेशकों को कम ब्याज दर प्राप्त हो सकती है।

3. निवेशकों की वापसी

यदि निवेशक इस योजना के बीच निवेश को रद्द करना चाहता है, तो वापसी नियमों के अनुसार होगी। सामान्यतः, वापसी के दौरान निवेश की राशि में कटौती हो सकती है और अधिकतम ब्याज दर भी प्राप्त नहीं होगी।

4. निवेश की न्यूनतम और अधिकतम सीमा

सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश की न्यूनतम सीमा 250 रुपये प्रतिमाह है, जबकि अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये प्रतिवर्ष है। यदि आपको 1.5 लाख से ज्यादा पैसा जमा करना हो तो यह योजना आपके काम की नहीं है, ज़्यादा पैसा निवेश करने के लिए आप FD, PF, NSC, म्युचुअल फंड जैसे इन्वेस्टमेंट विकल्प अपना सकते हैं।

5. पेनल्टी लगना 

यदि आप सुकन्या समृद्धि अकाउंट में न्यूनतम ₹250 वार्षिक राशि जमा नहीं करवा पाते हो तो आपको ₹50 पेनल्टी के भरने पड़ेंगे, इसका मतलब यह है कि आप जितने साल सुकन्या अकाउंट में पैसा नहीं जमा करते हो तो आपको हर साल ₹50 पेनल्टी का जमा करना पड़ता है।

6. सुकन्या समृद्धि खाता बंद करवाने की समय सीमा

आप इस योजना का खाता 5 साल के पहले बंद नहीं करवा सकते हो, ख़ाता 5 साल के बाद भी, यदि आप मेच्योरिटी से पहले ख़ाता बंद करना चाहते तो यह संभव नही है, यह तभी संभव है जब बेटी को किसी तरह की जानलेवा बीमारी हो जाए या फिर बेटी या उसके माता-पिता की मृत्यु हो जाए।

7. योजना 10 साल से बड़ी बेटी के लिए नही है

यदि किसी बेटी की उम्र 10 साल से ज़्यादा हो चुकी हो तो माता-पिता इस योजना का फायदा नहीं ले सकते हैं, यह स्कीम केवल 10 साल से कम उम्र की बेटियो के लिए ही है, इसके अलावा यदि आप पहले ही अपनी दो अन्य बेटियों के नाम से इस योजना के तहत ख़ाता खुलवा चुके हैं तो आप तीसरी बेटी के लिए सुकन्या खाता नहीं खुलवा सकते हो।

8. माता-पिता के बजाय बेटी को पैसा मिलेगा

इस योजना में पैसा माता-पिता ही ज़्यादातर जमा करवाते है, फिर भी खाते से पैसा प्राप्त करने का पूरा हक केवल बेटी को ही होता है, क्योकि 18 साल की आयु के बाद ख़ाता बेटी के नाम हो जाती है, इसका मतलब यह है कि यदि आपको कभी भी पैसो की आवश्यकता पड़ी तो बिना बेटी के हस्ताक्षर के माता-पिता पैसा खाते से निकाल नही पाएंगे।

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ये सुकन्या समृद्धि योजना के मुख्य नुकसान हैं, हालांकि, इस योजना में निवेश करके बेटी की शिक्षा और विवाह के लिए बचत की अच्छी संभावनाएं होती हैं। यदि आप इस योजना के बारे में और जानकारी चाहते हैं, तो आपको अपने स्थानीय बैंक या भारतीय सुविधा बैंक से संपर्क करना चाहिए।

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