Sattu – सत्तू क्या होता है, सत्तू कैसे बनाते हैं और सत्तू खाने के क्या फायदे हैं?

Sattu – सत्तू क्या होता है, सत्तू कैसे बनाते हैं और सत्तू खाने के क्या फायदे हैं?

Sattu kya hota hai in Hindi

भारत के सबसे स्वदेशी प्रोटीन स्रोतों में से एक, सत्तू बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश, यूपी और पश्चिम बंगाल के स्थानीय लोगों के लिए ख़ास आहार में से एक है, यह एक सूखा पाउडर है जिसको विभिन्न प्रकार भुने हुए अनाज और चने की दाल के मिश्रण से तैयार किया जाता है। जानते है इस लोकप्रिय खाद्य आहार के बारे में पूरे विस्तार से (sattu in hindi) Sattu क्या होता हैसत्तू कैसे बनाते हैं और सत्तू खाने के क्या फायदे हैं?

Sattu in Hindi (What is Sattu in Hindi)

सत्तू तैयार करने की प्रक्रिया बहुत ही पुरानी है और उत्तर भारत के विस्तृत क्षेत्र में सत्तू लोकप्रिय है। सत्तू को पुरातन रूप से सत-अनाज के रूप में जाना जाता है और इसे ओडिशा में छटुआ, बंगाल में चेट्टू, तेलंगाना में सत्तू पिंडी और गुयाना, त्रिनिदाद व फिजी में सातवा के नाम से जाना जाता है। सत्तू को ‘गरीब आदमी का प्रोटीन‘ (Poor man’s protein) भी कहा जाता है। 
Sattu kya hota hai in Hindi

Sattu kya hota hai in Hindi – सत्तू क्या होता है?

सत्तू एक सूखा पाउडर होता है जिसको विभिन्न प्रकार के व्यंजन के रूप में तैयार किया जाता है। सत्तू को भूने हुए जौ और चने को पीस कर चूर्ण के रूप में तैयार किया जाता है जिसे पानी में घोल कर या अन्य रूपों में व्यंजन बना कर उपयोग किया जाता है। सत्तू के सूखे पाउडर और इसके घोल दोनों को ‘सत्तू’ (Sattu) कहा जाता हैं। 

स्वास्थ्य के लिए लाभकारी, सत्तू एक ऐसा आहार है जो बनाने में बहुत ही सरल और सस्ता व्यंजन है। गर्मी का सीजन शुरू होते ही उतरी भारत में अधिकांश लोग सत्तू (Sattu) का प्रयोग करना शुरू कर देते हैं।

Sattu kaise banaye in Hindi – सत्तू कैसे बनाते हैं?

सत्तू का आटा बनाने के लिए सबसे पहले चने को पानी में भीगने के लिये रख दिया जाता है, फिर सुखाने के बाद भूनकर इसे जीरा, काली मिर्च इत्यादि के साथ पीसकर पाउडर बना लिया जाता है, और इस प्रकार सत्तू तैयार होता है इसके पराठे, शरबत आदि बना कर इस्तेमाल किया जाता है। 

एकदम ऐसी ही प्रकिर्या के द्वारा सत्तू को जौ या गेहूँ से भी बनाया जाता है या फिर इन सबको साथ में मिला कर भी सत्तू बनाया जाता है।

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Sattu types in Hindi – सत्तू कितने प्रकार का होता है?

सत्तू अब विभिन्न रूपों में उपलब्ध है जिसमें गेहूं, जौ , ज्वार शामिल होते हैं। इन सभी के साथ में भुने हुए चने का एक निश्चित प्रतिशत ज़रूर मिला होता है।

  • चावल का सत्तू
  • जौ का सत्तू 
  • जौ व चने का सत्तू 
  • जौ, गेहूँ व चने का सत्तू 

चावल का सत्तू बहुत ही हल्का, शीतल, मधुर, बलवर्धक होता है जो गर्मी में सेवन के लिए अच्छा आहार है। किसी भी सत्तू का पतला पेय बनाकर सेवन कर सकते हैं या किसी और तरह का पकवान बनाकर भी खाया जा सकता है। 

Sattu se kya banta hai – सत्तू से क्या क्या बनता है?

सत्तू के उपयोग से हम कई स्वादिष्ट व्यंजन बना सकते हैं जैसे सत्तू पराठा, मीठा सत्तू शरबत, सत्तू कचौरी, मसालेदार सत्तू पेय, सत्तू बाटी, सत्तू लापसी, सत्तू लड्डू, सत्तू बेबी फूड, सत्तू नमकीन, बेक्ड सत्तू खस्ता, सत्तू हलवा, सत्तू की बर्फी, सत्तू दलिया, सत्तू चीला, सत्तू रोटी आदि।

सत्तू खाने के क्या फायदे हैं?

खाली पेट सत्तू (Sattu) के सेवन से काफ़ी स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह आपके पेट से जुड़ी समस्याओं को कम करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। सत्तू में शीतलन गुण होते हैं और यह चिलचिलाती गर्मी से राहत प्रदान करने में सक्षम है।

सत्तू फाइबर, आइरन, मैग्नीशियम, और सोडियम सहित कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके अलावा यह यह मल त्याग में सुधार करता है, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, भूख को बढ़ाता है, वजन घटाने में मदद करता है, ऊर्जा को बढ़ाता है और मधुमेह और उच्च बीपी वाले लोगों के लिए अच्छा है।

सत्तू खाने के क्या नुकसान हैं?

मधुमेह के रोगियों के लिए सत्तू एक वरदान की तरह है लेकिन जिन्हें स्टोन या पथरी की तकलीफ़ है उनको सत्तू खाने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें कैल्शियम काफी होता है।

इसके अलावा चने का सत्तू ज्यादा न खाएं बल्कि इसमें जौ मिला ले क्योकि चने के सत्तू का ज्यादा सेवन करने से पेट में गैस पैदा होती है।

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