हमारे देश भारत के राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग होते हैं, इसलिए इसे ‘तिरंगा’ भी कहते है जो हर भारतीय को पता है, लेकिन इसमे मौजूद ये तीन रंग यानी हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा किसका प्रतीक है, यहा इसके बारे में विस्तार से जानिए, Tiranga kiska pratik hai?
तिरंगा भारत का झंडा यानि ‘इंडियन फ्लॅग’ है जिसमें एक ट्राइबैंड डिज़ाइन होता है जिसकी उत्पत्ति 16 वीं शताब्दी में गणतंत्रवाद, स्वतंत्रता और क्रांति के प्रतीक के रूप में हुई थी।
राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगे’ में तीन रंगो में सबसे ऊपर गहरा केसरिया यानी केसरी रंग, बीच में सफेद रंग और नीचे गहरा हरा रंग होता है, और ये तीनो रंग एक क्षैतिज स्थिति में समान अनुपात में होते है।
Tiranga kiska pratik hai – तिरंगा किसका प्रतीक है?
प्रत्येक रंग कुछ अलग दर्शाता है यानी तिरंगे में मौजूद तीनो रंगो का अलग-अलग मतलब होता है, जैसे –
- केसरिया रंग ‘साहस और बलिदान‘ का प्रतीक है,
- सफेद रंग ‘शांति, एकता और सच्चाई‘ का प्रतीक है, और
- हरा रंग ‘विश्वास और उर्वरता‘ का प्रतीक है।
तिरंगे मे चक्र किसका प्रतीक है?
तिरंगे में सफेद रंग की पट्टी के बीच में 24 तीलियों वाला एक नीले रंग का चक्र होता है, जिसे ‘धर्म चक्र’ या ‘अशोक चक्र‘ और ‘कानून का पहिया’ भी कहते है। इस चक्र का नीला रंग ‘आकाश और महासागर’ का प्रतीक है जो राष्ट्र की निरंतर प्रगति और जीवन में न्याय के महत्व का प्रतिनिधित्व करता है।
भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के केंद्र में स्थित यह चिन्ह या चक्र, बौद्ध धर्म का प्रतीक है जो 200वीं शताब्दी ईसा पूर्व का है, और इस चक्र का डिज़ाइन अशोक स्तंभ में मौजूद चक्र या पहिये से लिया गया है। चक्र का व्यास तिरंगे के सफेद रंग वाली पट्टी की चौड़ाई के लगभग बराबर होता है और इसमें 24 तीलियाँ होती हैं।
तिरंगे से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें –
- ध्वज के सम्मान को प्रेरित करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों जैसे स्कूलों, कॉलेजों, खेल शिविरों, स्काउट शिविरों आदि में राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगे’ को फहराया जा सकता है।
- एक निजी संगठन या शैक्षणिक संस्थान का कोई भी सदस्य राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान के अनुरूप सभी मुख्य अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगे’ को फहरा सकता है।
- झंडे का इस्तेमाल सांप्रदायिक लाभ और कपड़े के लिए नहीं किया जा सकता है, जहां तक संभव हो, इसे सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जाना चाहिए।
- तिरंगे को जानबूझकर जमीन या फर्श से छूने देने की अनुमति नहीं है, और तिरंगे को वाहनों, ट्रेनों, नावों, विमानों आदि के हुड के ऊपर या किनारों पर नहीं लपेटा जा सकता है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है, और साथ ही यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक भी है। पिछले पांच दशकों में, सशस्त्र बलों के सदस्यों सहित कई लोगों ने तिरंगे को उसकी पूरी महिमा में लहराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी है।