SIP kya hai in Hindi - SIP Mutual Fund क्या है? in Hindi

SIP और SIP Mutual Fund क्या होता है?

sip kya hai

पिछले कई सालों से म्यूचुअल फंड में लोग काफ़ी निवेश कर रहे है, अपनी बचत से अच्छा रिटर्न कमाने का बहुत अच्छा ज़रिया सीप (SIP) हैं इसमे कैसे निवेश कर सकते हैं, सीप क्या होता है (sip kya hai) इसकी जानकारी इस पोस्ट में आपको जानने को मिलेगी।

SIP = Systematic Investment Plan (व्यवस्थित निवेश योजना)

SIP Kya hai – सीप क्या है?

सीप (SIP) निवेश करने का एक ज़रिया है जो निवेशकों को कई म्यूचुअल फंडों के द्वारा प्रदान किया जाता है, जिससे निवेशकों को एकमुश्त रकम के बजाय समय-समय पर छोटी मात्रा में निवेश करने की अनुमति मिलती है और निवेश की अवधि आमतौर पर साप्ताहिक, मासिक या त्रैमासिक होती है। एसआईपी में निवेशकों के द्वारा बैंक खातों से समय-समय पर एक निश्चित राशि को डेबिट किया जाता है और एक निर्दिष्ट म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है।

भारत में इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विसेज का उपयोग करके एसआईपी के लिए एक आवर्ती भुगतान निर्धारित की जा सकती है। कुछ म्यूचुअल फंड इक्विटी लिंक्ड बचत योजनाओं के तहत कर लाभ की अनुमति दी जाती है और यह सिर्फ़ तीन साल की लॉक-इन अवधि होती है। म्यूचुयल फंड में अनुशासन बहुत ज़रूरी होता है, सिप SIP अनुशासन को हमेशा कायम रखने का काम करता है, एसआईपी नियमित तौर पर म्यूचुयल फंड में निवेश को लगातार जारी रखता है चाहे शेयर मार्केट की स्थिति कैसी भी हो।

SIP Mutual Fund kya hai?

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP निवेशक को एक निश्चित राशि को म्यूचुअल फंड स्कीम, आमतौर पर एक इक्विटी म्यूचुअल फंड, में निवेश करने की अनुमति देता है, इसे ही SIP Mutual Fund कहते है यानी के ज़रिए म्यूचुयल फंड में निवेश ही सीप म्यूचुयल फंड होता है।

SIP कैसे काम करता है?

एसआईपी एक ऐसी योजना है जो निवेशकों को एक निश्चित समय के लिए म्यूचुअल फंड में एक निश्चित राशि का निवेश करने की अनुमति देती है, और एसआईपी प्रत्येक माह एक दी गई तारीख पर इकाइयों को खरीदने की अनुमति देता है ताकि हर कोई अपने लिए बचत योजना बना सके, जैसे निवेशक हर महीने एक म्यूचुअल फंड में कम से कम 500 रुपये और उससे अधिक कितने भी रुपये निवेश कर सकते है और इस सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में एक बार के निवेश के कई सारे फायदे होते हैं। हर महीने निवेश करने से यह सुनिश्चित होता है कि बाजार के उच्च और निम्न किसी भी समय पर निवेश किया जा सकता है।

एक निवेशक हर महीने या तिमाही में पहले से निर्धारित एक निश्चित राशि का निवेश पोस्ट-डेटेड चेक के माध्यम से या फिर ऑटो-डेबिट सुविधा के माध्यम से कर सकता है। निवेशकों को एक आवेदन पत्र और एक एसआईपी जनादेश फॉर्म भरना होता, जिस पर उन्हें एसआईपी की तारीख अपनी मर्ज़ी से चुनने का अधिकार होता है, जिस पर राशि का निवेश करना होता है, फॉर्म और चेक म्यूचुअल फंड या इन्वेस्टर सर्विस के कार्यालय या रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट के निकटतम सेवा केंद्र के कार्यालय में जमा किए जा सकते हैं। राशि को चेक की प्राप्ति की तारीख के Net asset value ‘एनएवी’ में भी निवेश किया जाता है।

SIP कैसे शुरू करे?

आप एक एसआईपी कैसे शुरू कर सकते हैं? पूरी प्रक्रिया की रूपरेखा इस प्रकार है –

केवाईसी की औपचारिकताओं को पूरा करें – म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए एसआईपी के माध्यम से आपको सबसे पहले केवाईसी की अनुपालन करने की आवश्यकता होती है, एसआईपी शुरू करने के लिए कागजी कार्रवाई करने की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है जैसे – पैन कार्ड, पहचान पत्र, पासपोर्ट साइज़ फोटो, चेक बुक आदि।

इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी सुविधा प्रदान करने वाले फंड हाउस की वेबसाइट पर जाकर या रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंटों जैसे सीएएमएस के ऑनलाइन पोर्टल पर जा सकते हैं, जहा आपको अपना नाम, जन्म तिथि और संपर्क विवरण जैसी बुनियादी जानकारी प्रदान करनी होती है और आपके द्वारा दिए गये विवरण का समर्थन करने के लिए अपने पैन कार्ड, पते का प्रमाण और फोटोग्राफ की सॉफ्ट कॉपी अपलोड करनी होती है।

फिर आपको एक वीडियो कॉल के लिए अपॉइंटमेंट शेड्यूल करना होता है, जिसका उद्देश्य वेबकैम के माध्यम से आपकी पहचान की पुष्टि करना होता है। इस समय आपको अपना पैन कार्ड और एड्रेस प्रूफ भी दिखाना होता है

आधार कार्ड से वेरिफिकेशन करने पर वीडियो कॉल के माध्यम से सत्यापन की आवश्यकता नहीं है, इसके लिए आपको ये करने की जरूरत होती है –

★ अपना आधार नंबर दर्ज करना है
★ लिंक किए गए मोबाइल नंबर पर एक वन-टाइम पासवर्ड डालना है
★ फिर, आपका मूल विवरण अपने आप भर जाता है

आधार कार्ड आधारित केवाईसी सालाना 50,000 रुपये के निवेश तक सीमित करता है। इस राशि का विस्तार करने के लिए, आपको अपना पैन कार्ड विवरण प्रदान करना होता है, एक बार जब आप केवाईसी हो जाती हैं तो आप अपनी पसंद के किसी भी फंड हाउस से म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं। हर बार जब आप किसी अलग फंड हाउस से संपर्क करते हैं तो आपको फिर से केवाईसी प्रक्रिया नही करनी पड़ती है।

एसआईपी के लिए रजिस्टर करें – अब आपको अपनी पसंद की म्यूचुअल फंड स्कीम में एसआईपी के लिए रजिस्टर करने पर ध्यान देना है, इसके लिए आप सबसे पहले, योजना की पेशकश करने वाले फंड हाउस की वेबसाइट पर जाना है, फिर एक नया खाता पंजीकृत करने के लिए एक लिंक पर जाना है, एक बार जब आप इस लिंक पर क्लिक करते हैं, तो आपको एक साधारण आवेदन पत्र दिखेगा, जिसमे आपको बुनियादी व्यक्तिगत जानकारी और संपर्क डीटेल भरनी होती है, अब आपको ऑनलाइन लेनदेन करने के लिए एक उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड चुनना है, अब बैंक खाते का विवरण प्रदान करें जिसमें से सीप भुगतान डेबिट किया जाना है , एक बार जब पंजीकरण पूरा हो जाता है और फंड हाउस से पुष्टिकरण हो जाता है, तो आप निवेश शुरू करने के लिए तैयार हो जाते हैं।

सहीएसआईपी का चयन करें – आपकी आवश्यकताओं के लिए सही एसआईपी क्या है, यह आपकी आय और खर्च, आपके वित्तीय लक्ष्यों और उस राशि पर निर्भर करेगा जो आप निवेश करने वाले हैं।

SIP के फायदे क्या है?

★ निवेश के लिए एक अनुशासित दृष्टिकोण
★ कम से कम निवेश की सुविधा
★ कम जोखिम वाला निवेश का ज़रिया
★ टॅक्स में बचत
★ बाजार में समय की जरूरत नहीं है।
★ दो शक्तिशाली निवेश रणनीतियों की शक्ति शामिल :- रुपए की लागत का लाभ (अस्थिरता से लाभ) और कंपाउंडिंग की शक्ति (छोटे निवेश समय के साथ बिग किटी यानी सांप्रदायिक उपयोग के लिए धन का एक कोष, बनाते हैं)
★ बटुए पर ज़्यादा भार नही पड़ता है।
★ जल्दी शुरू करने के फायदे ज़्यादा है।

SIP के नुकसान क्या है?

★ Systematic Investment Plan बहुत लंबे समय के लिए होते है।
★ Income-tax authority के मानको के हिसाब से चलना पड़ता है।

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