Time Capsule टाइम कैप्सूल kya hai, Time Capsule kya hota hai – टाइम कैप्सूल क्या होता है? Time capsule kya hai in Hindi, Time capsule in Hindi, Time capsule in ram mandir, Time Capsule in Ayodhya, Time capsule in India और Time capsule meaning.
इस पोस्ट के माध्यम से आप जानेंगे कि ‘टाइम कैप्सूल‘ होता क्या है, यह किस धातु का बना होता है, इसकी खास बात क्या है, इसे जमीन के नीचे दबाकर क्यों रखा जाता है, इसको राम जन्मभूमि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की आधार-शिला में रखा जाएगा या नही, और आज से पहले ‘टाइम कैप्सूल’ को कहा-कहा रखा जा चुका है।
Time Capsule kya hai – टाइम कैप्सूल क्या होता है?
भविष्य में खोज के लिए, किसी जगह की ऐतिहासिक और वर्तमान जानकारियो को एकत्रित करके एक विशेष कंटेनर या पात्र में रखा जाता है, फिर उस पात्र को ज़मीन में दबाकर रख दिया जाता है, इस प्रक्रिया में इस्तेमाल किए जाने वाले विशेष कंटेनर को ‘टाइम कैप्सूल’ कहा जाता है।
कई तरह के धातुओ व सामग्री से बना यह पात्र ‘टाइम कैप्सूल’ किसी भी तरह के ज़मीन के आंतरिक वातावरण में ‘ज्यो-का-त्यो’ रहने में सक्षम होता है, यानी कि ज़मीन में काफी गहराई में दबा होने के बावजूद भी यह पात्र कई हजारों साल तक सड़ता-गलता नही है। कई हजारों सालो के बाद जब ‘टाइम कैप्सूल’ को जमीन से निकाला जाता है तो इसमें रखे गये जानकारी वाले सभी दस्तावेज पूरी तरह से सुरक्षित मिलते है।
सूचना व जानकारी के इस ऐतिहासिक कंटेनर ‘टाइम कैप्सूल’ का इस्तेमाल जानबूझकर एक विधि रूप में किया जाता है, जिसका मकसद आमतौर पर भविष्य में आने वाली पीढ़ियो व लोगों के साथ संचार करना, भविष्य में पैदा होने वाले पुरातत्वविदों, मानव वैज्ञानिकों और इतिहासकारों के लिए जानकारी उपलब्ध करवाना या इतिहास से अवगत करवाना होता है।
टाइम कैप्सूल ख़ासतौर पर तांबा, एल्यूमीनियम और स्टेनलेस स्टील से बना होता है, इस प्रकार धातु से बना टाइम कैप्सूल मूल रूप से निर्बाध या अखंड होता है। टाइम कैप्सूल की ख़ास बात यह है कि इसके इस्तेमाल से हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को किसी विशेष स्थान, घटना या इमारत के इतिहास की जानकारी कई हज़ारो सालो बाद भी सुरक्षित दस्तावेज़ो के ज़रिए पहुँचा सकते है।
आज से पहले ‘Time Capsule‘ का इस्तेमाल भारत में किया गया है – भारतीय पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा दिल्ली के लाल किले के परिसर के एक गेट के बाहर एक टाइम कैप्सूल 15 अगस्त 1972 को दफनाया गया, जिसका नाम ‘कल्पात्रा’ रखा गया था, जिसमें भारत की स्वतंत्रता के बाद का इतिहास दर्ज है।
Time Capsule in Ram Mandir Ayodhya, India
यह ‘टाइम कैप्सूल’ राम मंदिर निर्माण की आधार शीला या नीव में रखा जाएगा या नही, इस बात का अभी तक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की ओर से कोई सच्चा आधार नही है, अगर ‘टाइम कैप्सूल’ का इस्तेमाल नही होता है तो मंदिर की नीव में ताम्र पत्र ज़रूर रखा जाएगा, जिस पर कुछ जानकारिया अंकित होगी, जिसका मकसद आने वाले कई सालों बाद, यदि कोई विवाद होने की हालत में, भगवान श्रीराम जन्मभूमि के बारे में जानकारी का संचार करना है, ताकि लोगो को भगवान राम जन्मभूमि की सत्यत्ता का प्रमाण मिल सके।
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